झारखण्ड में मौजूद एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें



इस समय झारखण्ड में केवल तीन मेडिकल कॉलेज हैं – रिम्स (रांची), एमजीएम (जमशेदपुर) और पीएमसीएच (धनबाद). तीनों मेडिकल कॉलेज राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती है. रिम्स में एमबीबीएस की १५० (डेढ़ सौ) सीटें हैं, जबकि एमजीएम में मेडिकल की १०० (एक सौ) सीटें हैं. इस वर्ष से एमसीआई ने पीएमसीएच (धनबाद) में एमबीबीएस की १०० से घटाकर केवल ५० (पचास) सीटें कर दी है.

 
इस समय झारखण्ड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल मिलाकर केवल ३०० सीटें मौजूद हैं. इनमें से १५ (पंद्रह) प्रतिशत सीटें ऑल इंडिया कोटा के अंतर्गत नीट क्वालीफाई करने वाले छात्रों द्वारा भरी जाती है. राज्य के छात्रों के लिए ८५ (पचासी) प्रतिशत मेडिकल की सीटें मौजूद है, जो इस वर्ष से नीट के द्वारा भरी जाएगी. 


झारखण्ड के विभिन्न मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में स्टेट कोटा के अंतर्गत मौजूद एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें 

मेडिकल या डेंटल कॉलेज
   ब्रांच
कुल सीटें (स्टेट कोटा)
सामान्य
एससी
एसटी
ओबीसी
रिम्स (रांची)
एमबीबीएस
१२२
६१
१२
३२
१७ (सत्रह)
एमजीएम (जमशेदपुर)
एमबीबीएस
८३ (तेरासी)
४१ (इकतालीस)
८ (आठ)
२२
१२
पीएमसीएच (धनबाद)
एमबीबीएस
४२ (बयालीस)
२१
(चार)
११
(छह)
वनांचल डेंटल कॉलेज (गढ़वा)
बीडीएस
१००  
५० (पचास)
१०
२६
१४


झारखण्ड के तीन मेडिकल कॉलेजों में राज्य कोटा के अंतर्गत एमबीबीएस की २४७ (दो सौ सैंतालिस) सीटें है.  सामान्य या अनारक्षित वर्ग के छात्रों के लिए १२३ (एक सौ तेईस) एमबीबीएस की सीटें है, जबकि एससी, एसटी अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए २४ (चौबीस), ६५ (पैसठ) व ३५ (पैंतीस) मेडिकल की सीटें हैं. वनांचल डेंटल कॉलेज में १०० में से ५० बीडीएस या डेंटल की सीटें सामान्य श्रेणी के लिए जबकि एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए १०, २६ व १४ बीडीएस की सीटें है.

वर्ष २०१७ से झारखण्ड के मेडिकल कॉलेजों में भी अन्य राज्यों की तरह नीट के द्वारा ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. नीट के परिणाम के आधार पर जेसीइसीइबी काउन्सलिंग की प्रक्रिया पूरी करेगी. झारखण्ड के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए छात्र का राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है.

हर साल झारखण्ड के १०,००० से ज्यादा छात्र मेडिकल की परीक्षा देते हैं. लेकिन, राज्य में मात्र ३०० सीटों के होने के कारन काफी छात्र अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा नहीं कर पाते. कम सीट होने के कारण ही यहाँ हर मेडिकल की सीट के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है. बोकारो में मेडिकल कॉलेज खोलने के योजना लंबे समय से अधर में लटकी है. केंद्र सरकार की मदद से देवघर में नए एम्स खोलने की तैयारी है. राज्य सरकार झारखण्ड में तीन नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बना रही है, जो भविष्य में यहाँ के छात्रों के लिए लाभकारी साबित होगा. वर्तमान में झारखण्ड के छात्रों को ३०० मेडिकल सीटों से ही संतोष करना होगा.

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