कैसी होगी नीट 2017 की काउन्सलिंग प्रक्रिया?



सीबीएसई जून के पहले हफ्ते में नीट २०१७ का परिणाम घोषित कर सकता है. नीट के परिणाम घोषित होने के बाद, काउन्सलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी एवं इसके जरिये देश के विभिन्न मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए नामांकन होगा. नीट में आये अंक के आधार पर सीबीएसई मेरिट लिस्ट जारी करेगा. इसी मेरिट लिस्ट के आधार पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. कैसी होगी नीट २०१७ की काउन्सलिंग प्रक्रिया? आइये इस प्रक्रिया के बारे में थोड़ी विस्तार से चर्चा करते हैं. 


सीबीएसई का दायित्व केवल नीट की परीक्षा करवाने व मेरिट लिस्ट घोषित करने तक सीमित है. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर काउंसलिंग की प्रक्रिया डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज के द्वारा पूरी की जाती है. इसी प्रकार विभिन्न राज्यों और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग बोर्ड्स के द्वारा काउंसलिंग करवाया जाता है. नीट २०१७ अनोखा इस वजह से है क्यूंकि अब ये सारी काउंसलिंग नीट की मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी. 

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज केवल उन कैंडिडेट्स का काउन्सलिंग करेगा जो नीट २०१७ के कट-ऑफ मार्क्स प्राप्त करने में सफल हो पाएंगे. इस राष्ट्रीय स्तर की काउन्सलिंग के द्वारा देश के विभिन्न मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की पंद्रह प्रतिशत सीटों को भरा जायेगा. शेष बचे पचासी (८५) प्रतिशत सीटों के लिए काउन्सलिंग की प्रक्रिया राज्यों और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों द्वारा पूरी की जाएगी. 

एम्स के आलावा देश के सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में नामांकन केवल नीट में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी और एएफएमसी (पुणे) में भी नामांकन नीट के मेरिट लिस्ट के आधार पर ही होगा. नीट के परिणाम घोषित होने के बाद, कैंडिडेट्स को काउन्सलिंग के लिए अलग से अप्लाई करना होगा. राज्यों और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों द्वारा इसके लिए अलग से फीस भी ली जाएगी. 

हर राज्य और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज द्वारा अपने-अपने कट-ऑफ मार्क्स घोषित किये जायेंगे. वैसे कैंडिडेट्स जिन्होंने कट-ऑफ मार्क्स से ज्यादा अंक लाया होगा, उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया जायेगा. मेरिट लिस्ट के आधार पर कैंडिडेट्स को अपने मनपसंद मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने का मौका मिलेगा.

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