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बिहार के मेडिकल कॉलेजों में मौजूद एमबीबीएस की सीटें

बिहार के विभिन्न मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स के लिए दाखिला अब नीट या एनईईटी (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के परिणाम के आधार पर होता है. बीते कुछ वर्षों में राज्य में ऐसे छात्रों की संख्या बढ़ी है जो चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं. परन्तु बिहार में इसी अनुपात में एमबीबीएस की सीटें नहीं बढ़ पायीं हैं. अन्य राज्यों जैसे की तमिल नाडू, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश आदि के मुकाबले यहाँ काफी कम एमबीबीएस की सीटें हैं. इसीलिए, बिहार में हर सरकारी एमबीबीएस या मेडिकल की सीट के लिए काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है.  

कब आएगा बिहार बोर्ड Class 10 परीक्षा 2020 का result?

बिहार बोर्ड ने देश भर में लॉकडाउन लागू होने के पहले ही इंटर का रिजल्ट जारी कर दिया था. तब जब देश के कई स्टेट बोर्ड अभी तक अपनी बोर्ड परीक्षा ही नहीं करवा पाए हैं, बिहार बोर्ड का यह कदम काफी सराहनीय है. पिछले साल भी रिजल्ट की घोषणा करने में बिहार बोर्ड ने यही फुर्ती दिखाया था. लेकिन, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और पुरे देश में जारी लॉकडाउन के कारण बिहार बोर्ड अब तक मैट्रिक का रिजल्ट जारी नहीं कर पाया है.

कब आयेगा ICAR AIEEA 2020 परीक्षा का फॉर्म?

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अगर आप एग्रीकल्चर (कृषि) के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो ICAR AIEEA 2020 परीक्षा के बारे में आपको जानना चाहिए. इस परीक्षा के जरिये आप देश के विभिन्न एग्रीकल्चर कॉलेज में अपना नामांकन करवा सकते हैं. वर्ष 2019 से ICAR ने प्रवेश परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सौंप दी है. 2020 में भी पिछले साल की तरह ही NTA, इस परीक्षा का ऑनलाइन आयोजन करेगी.

इग्नू की ऑनलाइन किताबें पढ़कर फीस में पाएं १५ प्रतिशत की छूट

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) अपने लाखों छात्रों के लिए एक बेहतरीन ऑफर लेकर आया है. इग्नू ने हाल ही में यह घोषणा किया कि उसने अपने विभिन्न प्रोग्राम के स्टडी मटेरियल को अब ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है. छात्र इन डिजिटल स्टडी मटेरियल को इ-ज्ञानकोष से प्राप्त कर सकते हैं. जो छात्र प्रिंटेड स्टडी मटेरियल के बदले डिजिटल स्टडी मटेरियल का प्रयोग करेंगे, उन्हें इग्नू द्वारा विभिन्न प्रोग्राम के फीस में १५ प्रतिशत की छूत मिलेगी.

कब निकलेगा नीट 2019 का एप्लीकेशन फॉर्म?

इस साल से नैशनल टेस्टिंग एजेन्सी (एनटीए) नीट की परीक्षा का आयोजन करेगी। इस परीक्षा के बारे में बोर्ड जल्द ही अपने आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी करेगा. अगर एम्स और जीपमर को छोड़ दे, तो  नीट या नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट अब पूर्व में होने वाली मेडिकल की तमाम परीक्षाओं जैसे की एआइपीएमटी और प्राइवेट एवं विभिन्न राज्यों के द्वारा करवायी जाने वाली मेडिकल की परीक्षाओं की जगह ले चुका है. नीट 2019 का  पैटर्न पहले के समान ही होगा. इसलिए नीट को लेकर छात्रों को चिंता करने की जरुरत नहीं है.

क्लास 12 बिहार बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ( बीएसईबी) ने एक बार फिर से क्लास 12 बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय किया है. वर्ष 2017 में 12.6 लाख छात्र परीक्षा में बैठे थे लेकिन उसमें से करीब 7.19 लाख छात्र फेल हो गए थे. फेल होने वाले छात्रों की संख्या करीब 64 प्रतिशत थी. इसी वजह से बीएसईबी ने प्रश्न पत्र के पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय किया. इस लेख में हम क्लास 12 बिहार बोर्ड परीक्षा के नए पैटर्न पर चर्चा करेंगे .

नीट के फायदे और नुकसान

अब देश के हर मेडिकल और डेंटल कॉलेज में नीट के द्वारा ही नामांकन होगा. वर्ष 2017 से इसे पूरी तरह से देशभर में लागू कर दिया गया है. कोई भी राज्य अब राज्य स्तर पर मेडिकल की परीक्षा का आयोजन नहीं कर सकता. राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में भी अब नीट के द्वारा ही नामांकन होगा. संक्षेप में कहें तो देश के हर सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला अब नीट में प्रदर्शन के आधार पर ही मिलेगा. आगे हम नीट के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे.

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