क्या है कक्षा 12 बिहार बोर्ड परीक्षा का पैटर्न?




बिहार में इंटरमीडिएट या बारहवीं कक्षा की परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा करवाई जाती है. वर्ष 2015 में बीएसईबी ने साइंस व कॉमर्स के इंटरमीडिएट परीक्षा में बदलाव किये थे. आर्ट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इस बदलाव के बाद, साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या 40 प्रतिशत कर दी गयी थी. मौजूदा समय में, प्रश्न पत्र इसी पैटर्न पर आधारित होते हैं. क्या है कक्षा 12 बिहार बोर्ड परीक्षा का पैटर्न? आगे हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे.

ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या कितनी होती है?
साइंस और कॉमर्स के अलग-अलग विषयों में ऑब्जेक्टिव (वस्तुनिष्ठ) प्रश्नों की संख्या अलग-अलग होती है. फिजिक्स, बायोलॉजी और केमिस्ट्री में थ्योरी पेपर 70 अंकों का होता है. 70 में से 28 अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं. हर ऑब्जेक्टिव प्रश्न एक अंक का होता है. मैथ्स (गणित), एकाउंटेंसी आदि जैसे विषयों, जिनमें थ्योरी पेपर 100 अंक का होता है, 40 प्रश्न ऑब्जेक्टिव प्रकार के होते हैं. नीचे दिए गए टेबल में यह दर्शाया गया है कि किस विषय में कितने ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं.  

                    
 विषय
ऑब्जेक्टिव प्रश्न
फिजिक्स
   28
केमिस्ट्री
   28
बायोलॉजी
   28
मैथ्स
   40
एकाउंटेंसी
   40
बिज़नेस स्टडीज
   40
इकोनॉमिक्स
   40
एन्त्रेप्रेंयूर्सिप
   28


बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट अथवा कक्षा 12 की परीक्षा का मौजूदा पैटर्न
१)   साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में 40 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं. ये प्रश्न एक-एक अंक के होते हैं. हर प्रश्न में चार विकल्प दिए जाते हैं, जिनमें से एक सही विकल्प को चुनना होता है.
२)   वस्तुनिष्ठ प्रश्न का जवाब ओएमआर सीट या पेज पर देना होता है.
३)   वैसे विषय जिनमें थ्योरी पेपर 70 अंकों का होता है जैसे फिजिक्स (भौतिक विज्ञान), बायोलॉजी (जीव विज्ञान), केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान), आदि, उनमें 28 अंकों के 28 ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं. बाकि प्रश्न दो से पांच अंकों के होते हैं.
४)   जिन विषयों में थ्योरी पेपर 100 अंकों का होता है, उनमें 40 अंकों के 40 ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं. जैसे- मैथ्स (गणित), इकोनॉमिक्स, इत्यादि.
५)   आर्ट्स स्ट्रीम में वर्ष 2015 में कोई बदलाव नहीं किया गया था. इसमें प्रश्न पहले की तरह ही पूछे जाते हैं. 

क्या 2018 में बदल जायेगा बिहार इंटरमीडिएट का पैटर्न?
निश्चित रूप से बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट या कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष के परिणाम काफी निराशाजनक थे. वर्ष 2017 में, कुल 12.6 लाख विद्यार्थी बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठे. इनमें से 7.19 लाख यानि कि 64 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गए. इसका एक मुख्य कारण परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के लिए उठाया गया कदम था. 

ख़बरों की माने तो बीएसईबी इस बार के ख़राब परिणाम के बाद पुनः परीक्षा के पैटर्न में परिवर्तन करने की सोंच रहा है. इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है.  बिहार बोर्ड सीबीएसई, आइसीएसई व अन्य राज्यों में होने वाली परीक्षाओं का भी अध्ययन कर रहा है. कुछ बदलाव जो आगामी वर्षों में होने वाली परीक्षाओं में की जा सकती है, वो नीचे दिए गए हैं-

क) 5 अंकों के प्रश्नों की संख्या घट सकती है
ख) 2 अंकों के प्रश्न ज्यादा पूछे जा सकते हैं
ग)   ऑब्जेक्टिव या वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है

बीएसईबी जबतक नए बदलाओं की घोषणा नहीं कर देती, परीक्षाएं मौजूदा पद्धति पर ही आधारित होंगी. वर्ष 2017 में कुछ मामले ऐसे भी आगे आये थे, जिनमें कुछ छात्र जेई मेंस में तो पास हो गए, परन्तु बिहार बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में सफल नहीं हो पाये. अगले वर्ष से कॉपियों की जांच में ढ़िलाई बरती जा सकती है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो ये बदलाव अगले वर्ष से ही लागू हो जायेंगे. इससे बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

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